गठिया एक बहुत ही आम समस्या है। यह समस्या ज्यादातर 50 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। आमतौर पर यह जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन का कारण बनता है। दरअसल गठिया में 100 से ज्यादा स्थितियाँ शामिल हैं जो जोड़ों के आस-पास की नसों को प्रभावित करती हैं। हालाँकि आपको यह आपका डॉक्टर ही बता सकता है की आपको किस प्रकार का गठिया है। इस समस्या का कारण क्या है और इसको कौनसे उपचार की जर्रूरत पड़ेगी। अगर आप गठिया की समस्या से गंभीर रूप से परेशान हैं और आप अन्य उपचारों से ठीक नहीं हो पा रहे हैं, तो इस हाल में आपको अपने जोड़ बदलने की ज़रूरत पड़ सकती है। आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं आखिर गठिया रोग के कितने प्रकार और इसके लक्षण और संकेत क्या हो सकते हैं?
गठिया कोनसे जोड़ को प्रभावित कर सकता है?
दरअसल गठिया किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है, जैसे
1. हाथ और कलाई को प्रभावित कर सकता है।
2. घुटने को।
3. नितंब (कमर)
4. पैर और टखने।
5. कंधे।
6. पीठ के निचले हिस्से (काठ का रीढ़) ।
गठिया के प्रकार
वैसे तो गठिया के 100 से ज़्यादा अलग-अलग प्रकार हैं। लेकिन गठिया के 5 सामान्य प्रकार कुछ इस तरह हैं।
1. ऑस्टियोआर्थराइटिस :
गठिया के इस प्रकार में जब किसी जोड़ में उपास्थि टूट जाती है, तो उसके नीचे की हड्डी में काफी बदलाव आने लग जाते हैं। आम तौर पर यह बदलाव वक़्त के साथ और भी ज्यादा बदतर हो सकते हैं,जिससे आपके जोड़ों में दर्द अकड़न और सूजन हो सकती है। दरअसल इससे पीड़ित कुछ लोगों में गतिशीलता और लचीलेपन की कमी को देखा जा सकता है।
जोखिम कारक:आमतौर पर ऑस्टियोआर्थराइटिस हड्डियों के बीच जोड़ों की उपास्थि के घिसने या क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है। यह आपको अक्सर हाथों, कूल्हों और घुटनों में दिखाई दे सकता है।
2. रुमेटॉइड गठिया (जिसे आरए भी कहा जाता है) :
इस प्रकार के गठिये के कारण जोड़ों में दर्द, अकड़न, सूजन और जोड़ों की गतिशीलता में कमी हो सकती है। यह अक्सर लोगों के हाथों और पैरों के छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है, इसके साथ ही यह आंखों और त्वचा जैसे अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। आपको बता दें कि इस प्रकार के गठिये में सुबह के समय सबसे ज्यादा अकड़न पैदा होती है, जो और स्थितियों के विपरीत रुमेटी गठिया का संकेत हो सकता है।
लक्षण:इस समस्या दौरान, ऊर्जा की कमी, हल्का बुखार, भूख न लगना, कोहनी और हाथों जैसे क्षेत्रों में त्वचा के नीचे सख्त गांठें दिखाई दे सकती हैं।
जोखिम कारक:गठिया तब होता है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली सूजन पैदा करके बैक्टीरिया और वायरस पर हमला करती है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती आपके जोड़ों को नुकसान पहुंचाती है।
3. फाइब्रोमायल्जिया:
आमतौर पर फाइब्रोमायल्जिया एक लंबे समय का विकार है, जो कि व्यापक दर्द और कोमलता का कारण बनता है। यह फाइब्रोमायल्जिया महिलाओं में सबसे आम होता है, पर पुरुष भी इससे पीड़ित हो सकते हैं। दरअसल फाइब्रोमायल्जिया जोड़ों या फिर मांसपेशियों को नुकसान बिलकुल नुकसान नहीं पहुंचता है, इसलिए इसका निदान करना मुश्किल हो सकता है। इसके निदान के बारे में जाने के लिए आप अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से मुलाकात कर सकते हैं।
लक्षण:इस समस्या दौरान आपको थकान, नींद न आना, मांसपेशियों और जोड़ों में अकड़न और स्पर्श करने पर कोमलता महसूस हो सकती है।
जोखिम कारक:फाइब्रोमायल्जिया का कारण अज्ञात है। हालांकि, यह आनुवंशिकी और पारिवारिक इतिहास से जुड़ा हो सकता है।
4. गाउट :
दरअसल गाउट एक आम प्रकार का सूजन संबंधी गठिया है जिस रोग के कारण आपके जोड़ों में तेज यूरिक एसिड क्रिस्टल बनने लग जाते हैं। आमतौर पर गाउट आपके एक या दो हफ़्ते में बढ़ सकता है और फिर यह अपने आप ठीक हो सकता है। आपको बता दें कि यह अक्सर पैर के अंगूठे या निचले अंगों में होता है।
कुछ लोग जो गाउट की समस्या से पीड़ित होते हैं, उन लोगों में कई और बीमारियां भी विकसित होने की सम्भावना होती है, जैसे हृदय या गुर्दे से संबंधित समस्याएं। इसके साथ ही इनमें उच्च रक्तचाप , क्रोनिक किडनी रोग और मधुमेह भी शामिल हो सकता है।
लक्षण :गाउट जोड़ों में दर्द और यह पर पैर के अंगूठे से शुरू होता है। यह शरीर के अन्य जोड़ों में भी हो सकता है। आपको बता दें कि गाउट के दौरे रात में शुरू होते हैं और यह इतना तेज दर्द पैदा कर सकते हैं कि व्यक्ति जाग जाता है। इसके और लक्षणों में सूजन, लालिमा और गर्मी लगना शामिल हो सकता है।
जोखिम कारक: दरअसल हाइपरयूरिसीमिया नामक स्थिति की वजह से गाउट जैसी समस्या होती है। इससे यूरिक एसिड की मात्रा शरीर में बहुत ज्यादा हो जाती है। आपको बता दें कि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा होने पर, व्यक्ति के जोड़ों, तरल पदार्थों और नसों में क्रिस्टल जमा हो सकता है। जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है।
पुरुषों में गाउट होने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है, पर महिलाओं को भी आमतौर पर रजोनिवृत्ति के बाद गाउट हो सकता है। आपको बता दें कि मोटापे से भी गाउट का खतरा बढ़ सकता है। आमतौर पर गाउट फ्लेयर्स अक्सर कुछ खाद्य पदार्थों या दवाओं, शराब, शारीरिक सदमें या ख़ास बीमारियों से ट्रिगर होते हैं।
5. सोरियाटिक गठिया :
गठिया जो सोरायसिस से पीड़ित लोगों को बहुत ज़्यादा प्रभावित करता है। आपको बता दें कि सोरियाटिक गठिया एक सूजन वाली स्वप्रतिरक्षी स्थिति है, जो कि जोड़ों में सूजन का कारण बनती है। यह घुटनों और कंधों जैसे बड़े जोड़ों के साथ-साथ उंगलियों, पैर की उंगलियों, पीठ या श्रोणि को भी प्रभावित करता है।
लक्षण :सोरियाटिक गठिया त्वचा पर पपड़ी दार, सूजन वाले धब्बे जो अक्सर सिर, कोहनी या घुटनों पर दिखाई देता है। इसके साथ ही आपको जोड़ों में अकड़न और सूजन, नाखूनों पर गड्ढे या छोटे-छोटे दाग और आंखों में सूजन शामिल हो सकती है।
जोखिम कारक :इसके जोखिम कारकों में से यह रोग जैविक पारिवारिक सदस्यों से प्रेषित हो सकता है। इसके अलावा पर्यावरणीय और जीवन शैली संबंधी कारक भी सोरियाटिक गठिया का कारण बन सकते हैं, जैसे मोटापा, तनाव, संक्रमण और चोट आदि।
गठिया के लक्षण
1. जोड़ों का दर्द होना।
2. अकड़न या गति की कम सीमा का होना।
3. सूजन का होना।
4. त्वचा का रंग खराब हो जाना।
5. जोड़ के आसपास स्पर्श करने पर कोमलता या संवेदनशीलता का अनुभव होना।
6. आपके जोड़ों के पास गर्मी होना या फिर गर्मी का एहसास होना।
दरअसल आप कोनसे लक्षणों का अनुभव करते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का गठिया हुआ है, और यह आपके कोनसे जोड़ को सबसे ज़्यादा प्रभावित करता है।
गठिया के मुख्य कारण
1. उम्र बढ़ना : उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस स्वाभाविक रूप से हो जाता है।
2. खून में यूरिक एसिड अधिक होना : खून में यूरिक एसिड बहुत ज्यादा होने के कारण आपको (हाइपरयूरिसीमिया) गाउट हो सकता है।
3. प्रतिरक्षा प्रणाली : आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आपके जोड़ों को नुकसान पहुंचाकर गठिया (रुमेटॉइड गठिया) का कारण बन सकती है।
4. वायरल संक्रमण : कुछ वायरल संक्रमण (COVID-19) वायरल गठिया का कारण बन सकते हैं।
5. बिना किसी कारण के : आपको बता दें कि कभी-कभी, बिना किसी कारण या ट्रिगर के गठिया हो जाता है। डॉक्टर इस को इडियोपैथिक गठिया कहते हैं। ।
गठिया के जोखिम कारक
1. धूम्रपान और तंबाकू का उपयोग करना।
2. पारिवारिक इतिहास का होना।
3. शारीरिक रूप से सक्रिय न होना।
4. अन्य स्वास्थ्य स्थितियां जैसे स्वप्रतिरक्षी रोग, मोटापा होना।
निष्कर्ष
लोगों में गठिया की समस्या होना आम बात है। इसके होने पर ज्यादातर लोग जोड़ों में दर्द, अकड़न,हाथ और कलाई में दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और सूजन को महसूस करते हैं। दरअसल आपको किस प्रकार का गठिया हुआ है और आपको कौन से उपचार की जरूरत है, यह गठिया के प्रकार पर निर्भर करता है और यह आपको आपका डॉक्टर ही बता सकता है। अगर आप भी गठिया जैसी समस्या से परेशान हैं और आप जानना चाहते हैं कि आपको किस प्रकार का गठिया हुआ है, और तुरंत इसका इलाज करवाना चाहते हैं तो आप आज ही कल्याण अस्पताल में जाके आपकी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त क्र सकते हैं।