आमतौर पर एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी उन्नत स्पाइनल केयर के केस में सबसे आगे है। एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी पीठ की समस्याओं के उपचार में एक बहुत ही शानदार विकल्प प्रदान करती है। इसका दृष्टिकोण स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा चुनौतीपूर्ण स्पाइन समस्याओं से निपटने के तरीके को एक नया रूप प्रदान कर रहा है। एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी में अलग-अलग स्पाइनल स्थितियों के इलाज के लिए छोटे चीरों और विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जिसमें तेज़ी से इलाज किया जाता है। हालाँकि आपको बता दें की सर्जरी के बाद कम जटिलताएं होती हैं और दाग भी बहुत छोटे होते हैं।
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी क्या है?
सभी सर्जरी में से, स्पाइन सर्जरी और ब्रेन सर्जरी को सबसे जटिल माना जाता है। आपको बता दें की एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एक प्रकार की न्यूनतम इनवेसिव स्पाइन सर्जरी है। आमतौर पर एक एंडोस्कोप का उपयोग छोटे चीरों के माध्यम से रीढ़ की हड्डी के ऊतकों तक पहुँचने और उनका इलाज करने के लिए किया जाता है। एंडोस्कोप एक पतली, लचीली ट्यूब होती है, जो एक कैमरा और एक लाइट से सुसज्जित होती है।
दरअसल पारंपरिक स्पाइनल सर्जरी में बड़े चीरे और बहुत ज्यादा व्यापक मांसपेशी विच्छेदन की जरूरत होती है। एंडो स्पाइन सर्जरी की कम से कम आक्रामक प्रकृति तेज़ इलाज, कम खून की कमी और कम निशान को बढ़ावा दे सकती है।
आपको बता दें कि एक न्यूरोसर्जन या स्पाइन सर्जन कई प्रकार की स्थितियों के उपचार के लिए एंडोस्कोपिक प्रक्रिया का इस्तेमाल कर सकता है, जिसमें आमतौर पर शामिल हैं :
1. स्पाइनल स्टेनोसिस : आमतौर पर स्पाइनल कैनाल का संकीर्ण होना जो तंत्रिकाओं को दबा सकता है।
2. हर्नियेटेड डिस्क: इसमें डिस्क अपनी सामान्य सीमाओं से बाहर को निकल जाती हैं, जो इसके आस पास की नसों पर दबाव डालती हैं।
3. डिजनरेटिव डिस्क रोग: आमतौर पर रीढ़ की हड्डी की डिस्क में गिरावट जो दर्द और रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता में कमी का कारण बनती है।
4. स्कोलियोसिस : रीढ़ की हड्डी का असामान्य पार्श्व वक्रता
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के प्रकार
1. एंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी: इस प्रकार की सर्जरी के दौरान सर्जन नसों के संपीड़न को दूर करने के लिए हर्नियेटेड डिस्क सामग्री को हटा देता है।
2. एंडोस्कोपिक फोरामिनोटॉमी: इस प्रकार की सर्जरी में सर्जन स्टेनोसिस या हड्डी के स्पर्स की वज़ह से होने वाले रीढ़ की हड्डी की नसों पर दबाव को घटाने के लिए रीढ़ की हड्डी की नली के उद्घाटन को चौड़ा करता है।
3. एंडोस्कोपिक लैमिनेक्टॉमी: इस प्रकार की सर्जरी में रीढ़ की हड्डी पर होने वाले दबाव को घटाने के लिए रीढ़ की हड्डी के कुछ हिस्से को हटा दिया जाता है, जिसकी वजह से लम्बर स्टेनोसिस या हर्नियेटेड डिस्क जैसी स्थितियों का समाधान होता है।
4. एंडोस्कोपिक स्पाइनल फ्यूजन: इस प्रकार की सर्जरी में कम से कम आक्रामक दृष्टिकोण का इस्तेमाल करके दो या इससे ज़्यादा कशेरुकाओं को जोड़कर डीडीडी या स्कोलियोसिस जैसी स्थितियों के लिए रीढ़ की हड्डी को स्थिर करता है।
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के लाभ
आपको बता दें कि मरीजों को एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी प्रक्रिया से कई लाभ मिलते हैं जैसे कि,
1. कम से कम निशान और खून का कम नुकसान:
दरअसल पारंपरिक सर्जिकल पर्किर्याएँ बड़े निशान छोड़ने के लिए जानी जाती हैं। यह किसी व्यक्ति की शारीरिक छवि और आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। आपको बता दें की एंडोस्कोपिक दृष्टिकोण से आपका स्पाइन फ्यूजन दाग़ छोटा हो जाएगा।
इस दौरान आपके एक बहुत बड़े निशान कि बजाए, आपको एक या एक से ज़्यादा छोटे चीरे लगाने होंगे जो आम तौर पर आधे इंच से भी कम लंबे होते हैं। इस दौरान एक छोटा चीरा लगाने का मतलब होता है, खून का कम नुकसान होना। आमतौर पर कम खून की हानि जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकती है और खून चढ़ाने की जरूरत को भी खत्म कर देती हैं
2. कम से कम आक्रामकता:
इस दौरान छोटे चीरों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कि आसपास के टिशुयों और मांसपेशियों को कम नुकसान होता है।
3. अस्पताल में कम समय तक रुकना और तेजी से ठीक होना :
दरअसल एंडोस्कोपिक दृष्टिकोण से स्पाइनल फ्यूजन रिकवरी में बहुत तेज़ी आ सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान सर्जन आपको एक छोटा चीरा लगता है और रीढ़ तक पहुँचने के लिए उसे ज़्यादा मांसपेशियों की नसों को परेशान नहीं करना पड़ता। इसके साथ ही आपको अस्पताल में कम समय तक रुकना पड़ता हैं। कुछ मरीजों को उसी दिन छुट्टी मिल सकती है।
4. ओपन सर्जरी की तुलना में जटिलताओं का जोखिम कम :
खुली सर्जरी की तुलना में, छोटे चीरों के साथ जटिलताओं का जोखिम बहुत कम होता है। इस दौरान आपको संक्रमण और अन्य पोस्ट ऑपरेटिव समस्याओं से निपटने की संभावना बहुत कम होती है, जिसका मतलब होता है कि आप जल्दी ही अपनी आम रूटीन में वापिस आ सकते हैं।
5. उपचार की बेहतर सटीकता और परिशुद्धता :
आमतौर पर एंडोस्कोप आपके सर्जन को आपकी रीढ़ की हड्डी के समस्या वाले क्षेत्र को बहुत ज्यादा करीब से, उच्च-परिभाषा में देखने की सुविधा प्रदान करता है। इस दौरान उपचार की सटीकता में सुधार से बेहतर नतीज़े और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के बाद रिकवरी
आपको बता दें कि एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के बाद रिकवरी का समय प्रक्रिया की प्रकृति और उस सटीक स्थिति पर निर्भर करता है, जिसके लिए आप इलाज प्राप्त कर रहे हैं। आपको बता दें कि कई मरीज कुछ हफ्तों के भीतर ही अपनी आम गतिविधियों में वापस आ जाते हैं। हालांकि यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप अपनी जटिलताओं के जोखिम को कम करने के लिए अपने सर्जन के किसी भी प्रतिबंध और दिशा-निर्देश का पालन करें।
आमतौर पर आपका डॉक्टर आपकी प्रक्रिया के बाद कुछ दिनों में दर्द को दूर करने के लिए कुछ दवाइयों को लिखेगा। हालांकि ओवर-द-काउंटर उपचारों पर जितना जल्दी हो सके स्विच करना बहुत जरूरी होता है। जल्दी रिकवरी के लिए आपको अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी शारीरिक थेरेपी को भी पूरा करना चाहिए।
निष्कर्ष
आमतौर पर स्पाइन सर्जरी और ब्रेन सर्जरी को सबसे जटिल माना जाता है। एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एडवांस स्पाइनल केयर के मामले में सबसे आगे है। एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एक प्रभावी और सुरक्षित इलाज है, जो मरीजों को पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में बहुत सारे फायदे प्रदान करता है। यह मरीज की रीढ़ की हड्डी की स्थितियों का इलाज कम से कम आक्रामक दृष्टिकोण, तेजी से रिकवरी और कम दर्द के साथ करने के लिए एक बहुत ही बढ़िया विकल्प हो सकता है। अगर आपको भी एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के बारे में ज्यादा जानकारी को प्राप्त करना है और आप भी एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी करवाना चाहते हैं तो आप आज ही कल्याण अस्पताल में जाके अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में इसके विशेषज्ञों से जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं।