अर्थराइटिस के क्या है कारण, लक्षण और घरेलू उपचार ?
गठिया यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होने वाली ऐसी बीमारी है जो एक प्रकार के अर्थराइटिस होने के कारण होती है, इसे गाउटी अर्थराइटिस भी कहा जाता है। गठिया में यूरिक एसिड के क्रिस्ट्ल्स जोड़ो में जमा हो जाते है, यह समस्या तब होती है जब शरीर में सामान्य से अधिक यूरिक एसिड बनने लगते है। तो आइये जानते है की गठिया या अर्थराइटिस के क्या है, लक्षण, कारण व इससे बचाव के घरेलु उपाय ;
क्या है अर्थराइटिस ?
- गठिया (Gout) को वायु और रक्त के दूषित होने के रूप में जाना जाता है। मतलब की यह वायु और रक्त के दूषित होने से संबंधित रोग है।
- अनुचित आहार-विहार के सेवन से रक्त दूषित होकर वात के सामान्य मार्ग के लिए शरीर में बाधा उत्पन्न करता है तथा फिर वायु और रक्त दूषित होकर सम्पूर्ण शरीर में प्रवाहित होकर विभिन्न लक्षणों जैसे पीड़ा, जलन, लालिमा आदि लक्षण महसूस होने लगते है।
- गठिया कम उम्र के लोगों में सामान्यतः नहीं पाया जाता है। यह अधिकतर 30 से 50 वर्ष की उम्र में अपना असर दिखाता है। इसमें भी खासतौर पर यह 40 वर्ष के बाद होता है तथा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा होता है।
- गठिया की शुरुआत सबसे पहले पैर से होती है, आमतौर पर ये पैर के अंगूठे के जोड़ों से शुरु होता है और इसमें बहुत दर्द होता है। कुछ समय के बाद यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स शरीर के दूसरे जोड़ो तक भी फैल जाते है और यह दर्द बढ़ता हुआ कोहनी, घुटने, हाथों की अंगुलियों के जोड़ों और टिशु तक पहुँच जाता है।
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अर्थराइटिस की समस्या क्यों होती है ?
- अर्थराइटिस होने के पीछे जीवनशैली और आहार की बहुत बड़ी भूमिका होती है। जैसे अधिक मात्रा में मांस, मछली, अत्यधिक मसालेदार भोजन शराब और फ्रूक्टोज युक्त पेय पदार्थों का सेवन।
- इसके अलावा कई बार अन्य रोगों की वजह से भी अर्थराइटिस की समस्या होती है जैसे-
- गुर्दे से संबंधित बीमारी।
- मेटाबॉलिक सिंड्रोम से संबंधित बीमारी।
- पॉलिसिथेमिया से संबंधित बीमारी।
- मूत्रवर्धक दवाइयों के सेवन से जैसे-हाइड्रोक्लोरथियाडाइड के सेवन से भी अर्थराइटिस रोग हो सकता है।
अर्थराइटिस के लक्षण क्या है ?
अर्थराइटिस के दौरान आपको तेज दर्द का अनुभव होता है, इसके अलावा तेज दर्द को छोड़कर और किस तरह का दर्द होता है इसके बारे में निम्न में चर्चा करेंगे ;
- पैर के अंगूठे में लालिमा सूजन एवं दर्द का होना।
- शरीर के अन्य जोड़ों में तेज दर्द का होना।
- रोगी को दर्द के साथ बुखार का रहना।
- जोड़ो में दर्द, जकड़न और सूजन के साथ रोगी को चलने-फिरने और हिलने-डुलने में भी तकलीफ होने लगती है।
अर्थराइटिस के कारण क्या है ?
- अर्थराइटिस की बीमारी वंशानुगत तौर पर देखने को मिलती है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली के सही से कार्य न करने की स्थिति में रूमेटाइट अर्थराइटिस जन्म ले सकता है। रूमेटाइट अर्थराइटिस ऑटो इम्यून डिसॉर्डर के फलस्वरूप होता है।
- यह रोग रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाने के कारण होता है। यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा क्रिस्टल के रूप में जोड़ों, कंडरा तथा आस-पास के ऊतकों में जमा हो जाता है।
- यह रोग पाचन क्रिया से संबंधित होता है और इसका संबंध खून में यूरिक एसिड का अत्यधिक उच्च मात्रा में पाए जाने से होता है।
अर्थराइटिस के घरेलु उपाय क्या है ?
- गठिया के रोगियों को ज़ैतून के तेल से जोड़ों की मालिश करनी चाहिए। इससे दर्द का स्तर कम हो जाता है।
- स्टीम बाथ या भाप से स्नान करने पर भी गठिया के रोगियों को काफ़ी फ़ायदा पहुँच सकता है।
- सोने से पूर्व गठिया के रोगियों को जोड़ो पर सिरके से मसाज करनी चाहिए। ये भी दर्द को कम कर सकता है।
- कुछ शोधों से इन बातों का भी ख़ुलासा हुआ है कि समुद्र के पानी से स्नान करने से भी अर्थराइटिस रोगियों के दर्द को आराम मिलता है।
- इसी के साथ-साथ अरंडी के तेल से मालिश करने पर भी गठिया के रोगियों को तीव्र दर्द से काफ़ी आराम मिलता है।
सुझाव :
- यदि आप पर घरेलु उपायों का भी असर नहीं हो रहा है तो इससे बचाव के लिए आपको कल्याण हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।
- वहीं आपको बता दे की इस हॉस्पिटल में डॉक्टर अर्थराइटिस का इलाज दवाइयों के माध्यम से करते है।
- इन दवाइयों की मदद से आप इस बीमारी के कारण होने वाले दर्द या पीड़ा से निजात पा सकते है।
निष्कर्ष :
अगर आप अर्थराइटिस की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको जल्द डॉक्टर के संपर्क में आना चाहिए।
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