लगातार पीठ दर्द बन सकता है स्पाइनल स्टेनोसिस का शिकार ,जानिए क्या है ये परेशानी
स्पाइनल स्टेनोसिस तब होती है जब रीड की हड्डी के अंदर जगह बहुत कम हो जाती है, इससे रीड की हड्डी और इससे गुजरने वाली नसों पर काफी दबाव पड़ता है | स्पाइनल स्टेनोसिस पीठ के नीचले हिस्से में और गर्दन के पास होता है | ज्यादातर लोगो को इस समस्या से जुडी कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते | अगर किसी मरीज को लक्षण दिखाई भी देता है तो उसे पीठ में तीव्र दर्द , झुनझुनी, सुन्नता और मासपेशियां कमजोर होने का अनुभव होता है | कभी-कभार यह लक्षण समय के साथ बदतर भी हो जाता है | इसीलिए इस लक्षण के पता लगने के तुरंत बाद ही डॉक्टर के पास जा कर अच्छे से इलाज करवाना चाहिए |
स्पाइनल स्टेनोसिस के लक्षण
पीठ के निचले हिस्से में स्पाइनल स्टेनोसिस:- पीठ के निचले हिस्से में स्पाइनल स्टेनोसिस से दोनों पैरों में दर्द और ऐंठन होने लगता है | यह समस्या काफी देर तक चलने या फिर खड़े रहने से होता है | कुछ मरीज को पीठ में ज्यादा दर्द होता है |
गर्दन में स्पाइनल स्टेनोसिस
- शरीर के कई अंगों में झुनझुनी या कमजोरी आना जैसे की हाथ, पैर, पंजे और बाजू पर
- गर्दन में हमेशा दर्द रहना
- चलने और बैलेंस करने में परेशानी आना
- शरीर के कई अंग का सुन्न होना
- आंत्र या मूत्राशय समस्या से जूझना
स्पाइनल स्टेनोसिस के उपचार
अगर स्पाइनल स्टेनोसिस जैसे गंभीर समस्या हो जाती है, तो उन्हें डॉक्टर के पास जाकर सर्जरी रही इलाज करवाना पड़ता है, तभी यह समस्या कम हो सकती है |
अगर इससे संबंधित कोई भी सलाह लेना चाहते हो तो आप कल्याण हॉस्पिटल से ले सकते हो | इस संस्था के सभी डॉक्टर ओर्थपेडीक में एक्सपर्ट है |
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