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गठिया का प्रबंधन: राहत और कल्याण के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका

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    गठिया का प्रबंधन: राहत और कल्याण के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका

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    ३५ साल की उम्र के बाद जब शरीर में से कैल्शियम कम होना शुरू हो जाता है तब इसका सिदा असर व्यक्ति की हड्डियों और जोड़ों पर होता है जो वक़्त के साथ कमज़ोर होने लगते है जैसे घुटने, पीठ आदि। ५० से अधिक की उम्र होने तक तो लोगों में गठिया की दिक्कत आम हो जाती है। यह जोड़ों में दर्द, कठोरता और सूजन का कारण बनता है। आपका प्रदाता आपको यह समझने में मदद करेगा कि आपको किस प्रकार का गठिया है, इसका कारण क्या है और आपको किन उपचारों की आवश्यकता होगी। यदि आपको गंभीर गठिया है जिसे आप अन्य उपचारों से प्रबंधित नहीं कर सकते है तो आपको संयुक्त प्रतिस्थापन की आवश्यकता हो सकती है। 

     

    गठिया एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें एक या अधिक जोड़ों में सूजन आ जाती है। यह आमतौर पर प्रभावित जोड़ों में दर्द, सूजन, कठोरता और गति की सीमा में कमी का कारण बनता है। गठिया के १०० से अधिक विभिन्न प्रकार है, लेकिन दो सबसे आम रूप में पहचाने जाते है: 

     

    • ऑस्टियोआर्थराइटिस: यह गठिया का सबसे प्रचलित प्रकार है और इसे अक्सर “घाव और आंसू” गठिया के रूप में जाना जाता है। यह तब होता है जब जोड़ों में हड्डियों के सिरों को सहारा देने वाली सुरक्षात्मक उपास्थि समय के साथ धीरे- धीरे खराब होने लगती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर घुटनों, कूल्हों और रीढ़ जैसे वजन उठाने वाले जोड़ों के साथ- साथ हाथों और पैरों को भी प्रभावित करता है। 
    • रुमेटीइड गठिया: रुमेटीइड गठिया एक ऑटोइम्यून विकार है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से जोड़ों को घेरने वाली झिल्लियों की परत सिनोवियम पर हमला कर देती है। इसके परिणामस्वरूप सूजन, दर्द, अंतत: संयुक्त क्षति होती है। रुमेटीइड गठिया हाथ, कलाई, घुटनों और पैरों सहित पूरे शरीर में कई जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।  

     

    गठिया का सटीक कारण विशिष्ट प्रकार पर निर्भर करता है, लेकिन आनुवंशिकी, उम्र, जोड़ों की चोटें, मोटापा और कुछ संक्रमण जैसे कारक इसके विकास में योगदान कर सकते है। हालांकि गठिया का कोई इलाज नहीं है, लक्षणों को प्रबंधित करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद के लिए विभिन्न उपचार विकल्प उपलब्ध है। इनमें दवा, भौतिक चिकित्सा, जीवनशैली में संशोधन और कुछ मामलों में सर्जरी शामिल हो सकती है। गठिया से पीड़ित लोगों में जोड़ों की क्षति को कम करने और कार्य को अधिकतम करने के लिए शीघ्र निदान और प्रबंधन आवश्यक है। किसी को भी गठिया हो सकता है, लेकिन कुछ कारकों से आपको इसकी संभावना अधिक हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:

    • तम्बाकू का उपयोग: धूम्रपान और अन्य तम्बाकू उत्पादों का उपयोग करने से आपका जोखिम बढ़ जाता है।
    • पारिवारिक इतिहास: जिन लोगों के जैविक परिवार के सदस्यों को गठिया है, उनमें इसके विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
    • गतिविधि स्तर: यदि आप नियमित रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं तो आपको गठिया होने की अधिक संभावना हो सकती है।
    • अन्य स्वास्थ्य स्थितियाँ: ऑटोइम्यून बीमारियां , मोटापा या आपके जोड़ों को प्रभावित करने वाली कोई भी स्थिति होने से गठिया विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
    • गठिया के लक्षण अक्सर ठंड के मौसम में खराब हो जाते है, जिसमें सर्दी का महीना शामिल है। गठिया से पीड़ित कुछ लोग, दर्द और कठोरता को सहते हूए जिस से बैरोमीटर के दबाव में बदलाव आएगे और जोड़ों के द्रव को परेशानी होगी।   

    वैसे तो गठिया की दिकत एक बार शुरू हो जाए तो पूरी जिंदगी के लिए परेशान करती है। लेकिन यह दर्द से कभी कभी कैसे बच सकते है:

    • वजन को कम करें : क्योंकि पुरे शरीर का भार घुटनों पर आता है जिससे गठिया का दर्द और बढ़ जाएगा और उठने बैठने में परेशानी आएगी। 
    • गर्म और ठंडी चिकित्सा: गर्म चिकित्सा परिसंचरण को बढ़ावा देता और सख्त जोड़ों दर्द वाली मांसपेशियों को शांत कर सकता है जहाँ कोल्ड चिकित्सा रक्त वाहिकाओं को प्रतिबंधित करती है, जिससे परिसंचरण, सूजन को कम कर देती है और दर्द को सुन्न। 
    • मसाज: सामान्य मसाज की जाए ता के दर्द भी सिमत में रहे। 
    • विटामिन डी रिच फ़ूड जरुरु लेनी चाहिए जिसे जोड़ खुलने की संभावना होती है।   
    • ओमेगा ३ फैटी एसिड जोड़ों की सूजन को कम करती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को विनियमित करते है। 

    पहले इस उपचारों को कुछ दिन करके देखें यदि इन सब विचारों से काम न बने तो अपने नजदीकी डॉक्टर को जरुर सम्पर्क करें, परेशानी बढ़ने से पहले। लुधिअना के कल्याण हॉस्पिटल के पेशेवर डॉक्टरों से भी आप सलाह ले सकते है।

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