रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है, इसके मुख्य कारण, लक्षण और इलाज कैसे करें ?
आज के दौर में बढ़ती उम्र के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमज़ोर होते जा रही है, जिस वजह से लोगों को कई तरह की बिमारियों का सामना करना पड़ जाता है | रूमेटाइड अर्थराइटिस उन्ही में से एक बीमारी है | यह एक ऐसे समस्या है जिससे पीड़ित व्यक्ति को असहनीय दर्द से गुजरना पड़ जाता है | आइये जानते है क्या है रूमेटाइड अर्थराइटिस :-
रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है ?
कल्याण हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर राजेंदर सिंह का यह कहना है की रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में मौजूद रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वस्थ कोशिकाओं का नुकसान पहुंचाने लग जाती है, जिससे हड्डियों के जोड़ों पर काफी बुरा असर पड़ने लग जाता है और जोड़ों की परतें ख़राब होने लग जाती है | अधिकतर मामलों में यह जोड़ों की सबसे अधिक प्रभावित करती है, लेकिन कई बार यह एक ही समय पर शरीर के एक से अधिक जोड़ों को चपेट में ले सकती है | इसके साथ ही रूमेटाइड अर्थराइटिस शरीर के दूसरे टिशू को भी प्रभावित करने लग जाती है | एक शोध के अनुसार रूमेटाइड अर्थराइटिस पुरुषों की तुलना में सबसे अधिक महिलाओं को प्रभावित करती है और बुजुर्ग लोगों को यह बीमारी होना आम बात है | आइये जानते है रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के मुख्य कारण और लक्षण क्या है :-
रूमेटाइड अर्थराइटिस के मुख्य लक्षण कौन-से है ?
रूमेटाइड अर्थराइटिस उत्पन्न हों एक भी कुछ मुख्य लक्षण होते है, जिनमें शामिल है :-
- वजन का घटना या फिर अनियमित रूप से बढ़ना
- बुखार का आना
- कमज़ोरी महसूस कारण
- भूख न लगना
- अधिक पसीना का आना
- थकान महसूस होना
- शरीर के किसी एक हिस्से में हमेशा दर्द रहना
- आँखों का सूज जाना
- जोड़ों में सूजन आना
- एक से अधिक जोड़ों में दर्द या फिर अकड़न होना
रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के मुख्य कारण क्या है ?
जब प्रतिरक्षा प्रणाली सायनोवियम पर हमला करती है, तो इसे रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या उत्पन्न हो जाती है | सायनोवियम जोड़ों के आसपास एक तरह की परत होती है, हमले के बाद इसमें सूजन आ जाती है, जिससे कार्टिलेज और जोड़ों के बीच मौजूद हड्डी ख़राब होने लग जाती है | आइये जानते है रूमेटाइड अर्थराइटिस उत्पन्न होने के मुख्य कारण क्या है:-
- बढ़ती उम्र :- उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति कई तरह की बिमारियों से प्रभावित हो जाता है | जिनकी उम्र 50 से 60 तक की होती है, उनमें रूमेटाइड अर्थराइटिस होने का जोखिम कारक सबसे अधिक रहता है |
- अनुवांशिक समस्या :- यदि आपके माता पिता रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या थी, तो आपको यह बीमारी होने का खतरा हो सकता है, क्योंकि अनुवांशिक कारणों से भी रूमेटाइड अर्थराइटिस के उत्पन्न होने का खतरा रहता है |
- लिंग से जुडी समस्या के कारण :- यह शोध के अनुसार पुरुषों के तुलना में रूमेटाइड अर्थराइटिस सबसे अधिक महिलाओं को प्रभावित करती है | ऐसे इसलिए क्योंकि जिन महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी आ रही होती है, उन्हें यह बीमारी का जोखिम कारक सबसे अधिक होता है |
- नशीली पदार्थों का सेवन करने से :- धूम्रपान और शराब जैसी नशीली पदार्थों का सेवन करने से भी रूमेटाइड अर्थराइटिस का जोखिम कारक बढ़ जाता है |
रूमेटाइड अर्थराइटिस का निदान कैसे करें ?
रूमेटाइड अर्थराइटिस से छुटकारा पाने के लिए कई लोग घरेलु उपायों का इस्तेमाल करते है, लेकिन आपको बता दें इस बीमारी का सटीकता से इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है | यदि आप रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित है तो इलाज में कल्याण हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद सकता है | इस संस्था के सभी डॉक्टर्स ऑर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 22 सालों से रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए कल्याण हॉस्पिटल की वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सकते है |
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